Tuesday, September 9, 2008

हीरे को मामूली पत्थर न समझें

जानकारी के अभाव में, न समझ पाने के कारण कभी-कभी लोग कीमती हीरे को भी मामूली पत्थर समझ बैठते है।

जिस चीज की या जिस बात की तुम्हें जानकारी नहीं हो उस बारे में यदि तुम्हें कोई बताए या जानकारी दे तो उसे समझने के कोशिश करनी चाहिए। बिना जाने या बिना जानकारी लिए एकदम ही उस बात को ग़लत या उसे मानने से इंकार कर देना या बिना जानकारी प्राप्त किए ही उस बात के एकदम ही विरुद्ध रहना उचित नहीं है।


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LS-52 / 04101001

1 comment:

संगीता पुरी said...

लेकिन बहुत लोग मन में बैठी धारणा मात्र को यथार्थ समझ बैठते हैं और बड़ों से भी कुछ सीखने की कोशिश नहीं करते।