Wednesday, September 10, 2008

शत्रुओं के गुप्त इतिहास को पढ़ें

हम जो अपने शत्रुओं के गुप्त इतिहास को पढ़ें तो हमें प्रत्येक मनुष्य जीवन में इतना दुःख और शोक भरा मिलेगा कि फिर हमारे मन में उनके प्रति जरा-सा भी शत्रुभाव नहीं रहेगा।

--- संतवाणी

----------------
LS-52 / 04101001

No comments: